फोटो:इंडिया टुडे के पत्रकार रोहित शर्मा,राहुल गांधी के साथ सैम पित्रोदा
TTN Desk
राहुल गांधी अमेरिका के दौरे पर हैं और उनके इस दौरे को कवर करने के लिए कई भारतीय पत्रकार भी अमेरिका में हैं। ऐसे में एक पत्रकार ने अमेरिका में इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा का इंटरव्यू लिया लेकिन पत्रकार का आरोप है कि उनके साथ राहुल गांधी की टीम पर गंभीर आरोप लगाए। पत्रकार ने आरोप लगाए कि राहुल की टीम के एक सदस्य ने उनका फोन छीन लिया और फोन पर रिकॉर्ड किया हुआ सैम पित्रोदा का इंटरव्यू डिलीट कर दिया। पत्रकार के इस खुलासे ने नया सियासी बवाल खड़ा कर दिया है। 7 सितंबर को घटितये मामला तब फिर चर्चा में आ गया जब शनिवार को कश्मीर की रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने इसका उल्लेख किया।विभिन्न मीडिया आउटलेट्स ने आज इस पर खबर की है।
जनसत्ता ने इस पर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की है जिसके मुताबिक अमेरिका में राहुल की टीम पर बदसलूकी का आरोप लगाने वाले पत्रकार ने यह भी बताया कि इसका कारण यह रहा, क्योंकि उन्होंने सैम पित्रोदा से पूछा था कि क्या राहुल गांधी देश में रहते हुए कभी बांग्लादेश में हो रही हिंदुओं के खिलाफ हिंसा पर कोई बयान देंगे या नहीं। पत्रकार के साथ हुई इस वारदात को लेकर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कांग्रेस पर हमला बोला और कहा कि कांग्रेस पार्टी से सावधान रहने की जरूरत है।
PM मोदी ने उठाए कांग्रेस पर सवाल
दरअसल, जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव को लेकर एक रैली के दौरान पीएम मोदी ने शनिवार को कहा कि आज मैंने ये खबर पढ़ी। एक भारतीय अख़बार का प्रतिनिधि जो अमेरिका गया था। अमेरिका में उसे जिस तरह की क्रूरता का सामना करना पड़ा। उसने अपनी पूरी कहानी लोगों के सामने रखी है। अमेरिका की धरती पर एक भारतीय बेटे को, वो भी भारतीय संविधान के लिए काम करने वाले एक पत्रकार को, कमरे में बंद करके जिस तरह से उसके साथ व्यवहार किया गया। क्या आप अमेरिकी धरती पर एक भारतीय पत्रकार की पिटाई करके भारत की प्रतिष्ठा बढ़ा रहे हैं?”
बता दें कि पत्रकार के साथ हुआ ये वाकया 7 सितंबर का है और यह घटना इंडिया टुडे से जुड़े पत्रकार रोहित शर्मा के साथ हुई थी। राहुल गांधी के शहर पहुंचने से पहले टेक्सास के डलास में रोहित शर्मा ने पित्रोदा के साथ शर्मा के इंटरव्यू लिया था, राहुल चार दिन का दौरा किया था।
पत्रकार ने दी थी जानकारी
बता दें कि इंडिया टुडे के ओपिनियन सेक्शन में रोहित शर्मा ने लिखा लेकिन फिर, मेरे अंतिम प्रश्न ने सब कुछ बदल दिया कि ‘क्या राहुल गांधी अमेरिकी सांसदों के साथ अपनी बैठकों के दौरान बांग्लादेश में मारे जा रहे हिंदुओं का मुद्दा उठाएंगे?’ इससे पहले कि सैम पूरी तरह से जवाब दे पाते, उससे पहले ही अराजकता फैल गई। कमरे में मौजूद एक व्यक्ति ने चिल्लाकर कहा कि यह सवाल ‘विवादास्पद’ है, और अन्य लोग भी इसमें शामिल हो गए, और अपनी आवाज़ को और तेज़ कर दिया। फिर, राहुल की टीम के एक सदस्य ने मेरा फ़ोन छीन लिया और चिल्लाने लगा, ‘बंद करो! बंद करो!’ – ‘बंद करो!
सैम पित्रोदा राहुल गांधी को लेने एयरपोर्ट चले गए
पत्रकार ने लिखा कि एक व्यक्ति ने मेरा माइक छीनने की कोशिश की, लेकिन मैंने विरोध किया। वे जबरन मेरा फोन लेकर रिकॉर्डिंग बंद करने में कामयाब रहे। हंगामे के बीच सैम को राहुल गांधी से मिलने के लिए एयरपोर्ट ले जाया गया। पत्रकार रोहित शर्मा ने आरोप लगाया कि इसके बाद जो हुआ वह एक सपने की तरह था, उन्होंने लिखा कि “कम से कम 15 लोग कमरे में रुके और मुझसे साक्षात्कार से अंतिम प्रश्न हटाने की मांग की। उन्होंने कहा कि हालांकि वह अपनी बात पर अड़े रहे, “वे अड़े रहे, मेरा फोन ले लिया और उसमें खोजबीन करने लगे, यहां तक कि साक्षात्कार को हटाने का भी प्रयास किया।
इंटरव्यू डिलीट करने को लेकर हुआ बवाल
उन्होंने कहा कि हालांकि वे इसे मेरी फ़ोटो लाइब्रेरी से हटाने में कामयाब रहे, लेकिन वे हाल ही में हटाए गए फ़ोल्डर तक नहीं पहुँच पाए, जिसके लिए मेरे फेस आईडी की आवश्यकता थी… उन्होंने मेरे हाल ही में हटाए गए फ़ोल्डर से साक्षात्कार को हटाना शुरू कर दिया। यह सुनिश्चित करने के लिए कि साक्षात्कार का कोई निशान न बचे, उन्होंने मेरा iCloud भी चेक किया – रिकॉर्डिंग के दौरान मेरा फ़ोन एयरप्लेन मोड में था, जिससे वीडियो सिंक नहीं हो पा रहा था। उन्होंने कहा कि उन्होंने पित्रोदा को एक संदेश भेजा, जिसमें उन्हें घटना के बारे में बताया गया। उन्होंने लिखा कि उन्होंने सुझाव दिया कि हम अगले दिन एक और साक्षात्कार रिकॉर्ड कर सकते हैं। लेकिन आश्चर्य की बात नहीं है कि ऐसा कभी नहीं हुआ।
उन्होंने यह भी लिखा कि राहुल गांधी ने बाद में अमेरिकी प्रेस के सदस्यों से बात की कि कैसे भारत की वर्तमान सरकार के तहत पत्रकारिता की स्वतंत्रता कम हो गई है, उनकी टीम मेरी आवाज दबाने के लिए जुटे हुए थे। पत्रकार ने कहा कि उन्होंने अपनी प्रत्येक अमेरिकी यात्रा में इस मुद्दे को दोहराया है, लेकिन ऐसा लगता है कि प्रेस की स्वतंत्रता को वह जो महत्व देते हैं, वह उनके अपने खेमे तक नहीं पहुंचता है। शर्मा ने लिखा कि भाग्यवश, प्रेस क्लब के एक कार्यक्रम का संचालन करने वाले मेरे एक सहकर्मी ने राहुल से यही सवाल पूछा कि क्या वह बांग्लादेश में हिंदुओं की हत्या पर बात करेंगे?