मनोज शर्मा
अदानी अज्यूर सोलर पावर को ले कर अमेरिका के जस्टिस विभाग द्वारा गौतम अदानी,उनके भतीजे सागर अदानी सहित समूह से जुड़े आठ लोगों पर अभियोग की खबर आने के बाद भारत में एक बार फिर अदानी को केंद्र में रख कर राजनैतिक बवाल शुरू हो गया है।कथित 2200 करोड़ की रिश्वत दिए जाने के मामले में जहां 80 फीसदी यानी करीब 1700 करोड़ का बड़ा हिस्सा आंध्र प्रदेश के अधिकारियों को जाने की बात सामने आई है।वही बाकी की रिश्वत की राशि छत्तीसगढ़,उड़ीसा,तमिलनाडु और जम्मू कश्मीर के अधिकारियों को मिलने का आरोप है।हालांकि इन सभी राज्यों की बिजली वितरण कम्पनियों ने बिजली खरीदी का अनुबंध केंद्र सरकार के उपक्रम सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (सेकी)से किया है।यूं इस पिक्चर में अदानी सीधे तौर पर कही नहीं है।याने अनुबंध करने वाले दिनों पक्ष सरकारी उपक्रम है।दरअसल सेकी जो बिजली इन राज्यों को बेचेगा वो बिजली उसे अदानी ग्रीन से मिलेगी।शुरुआत इसी पेंच से होती है कि सेकी से बिजली कथित तौर पर कोई राज्य खरीद नहीं रहा था याने कि अदानी ग्रीन की बिजली का कोई खरीददार नहीं था।जिसके कारण राज्यों से अनुबंध का मोर्चा अदानी के अधिकारियों ने सम्हाला । अमेरिकी अभियोग के पेपर में भी ये तो उल्लेख है कि कितने की रिश्वत किन किन राज्यों से अनुबंध की एवज में घुस के रूप में दी गई किंतु उसमें भी नाम न दे कर फॉरेन ऑफिशियल नंबर 1,2 ..यूं उल्लेख है।छत्तीसगढ़ के मामले में यह राशि 55 करोड़ है।सो अब जो पेपर पब्लिक डोमेन और मीडिया रिपोर्ट्स से सामने आ रही है वो भी इसे बता रहे है।अब ये सारे अनुबंध जब हुए तब वहां जिन पार्टियों की सरकारें थी वो विपक्ष में है।जैसे छत्तीसगढ़,उड़ीसा में बीजेपी,आंध्रप्रदेश में तेदेपा बीजेपी की सरकार है।तमिलनाडु में जरूर अभी सरकार स्टालिन की ही है,जिसका कांग्रेस से गठबंधन है वहीं तब जम्मू कश्मीर में उप राज्यपाल का नियंत्रण था मगर अब वहां नेशनल कॉन्फ्रेंस की सरकार है।
O बीजेपी ने लिया विपक्ष को निशाने पर
इसी को ध्यान में रख बीजेपी हमलावर है।बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि भारत और देश की रक्षा करने वाली संरचनाओं पर हमला करना विपक्ष के नेता की रणनीति का हिस्सा है. पुरी के भाजपा सांसद पात्रा ने कहा, ‘राहुल गांधी ने 2019 में राफेल मुद्दे को इसी तरह से उठाया था. उन्होंने दावा किया था कि बड़ा खुलासा होगा. कोविड महामारी के दौरान वे वैक्सीन को लेकर इसी तरह प्रेस कॉन्फ्रेंस करते थे. हालांकि, बाद में उन्हें सुप्रीम कोर्ट के सामने माफी मांगनी पड़ी. राहुल गांधी और सोनिया गांधी दोनों नेशनल हेराल्ड मामले में जमानत पर बाहर हैं और वह कह रहे हैं कि कांग्रेस पार्टी न्यायपालिका का काम कर रही है.’
O भूपेश सरकार के समय हुआ पीएसए
अब छत्तीसगढ़ और सेकी के बीच हुए अनुबंध के दस्तावेज बताते है कि भूपेश बघेल सरकार के दौरान भारत सरकार के नियंत्रण वाली कंपनी सोलर एनर्जी कारपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) और राज्य सरकार के स्वामित्व वाली छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (CPDCL) के बीच एक पावर सेल एग्रीमेंट (PSA) साइन हुआ था.
इस दस्तावेज के पहले और दूसरे पृष्ठ पर साफ-साफ लिखा है कि, ‘यह पावर सेल एग्रीमेंट 12 अगस्त, 2021 को रायपुर में भारत सरकार के स्वामित्व वाली SECI (सोलर एनर्जी कारपोरेशन ऑफ इंडिया) और छत्तीसगढ़ सरकार के स्वामित्व वाली CPDCL (छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड) के बीच बना है.’ हालांकि भूपेश बघेल ने कल इससे इनकार किया था।
O सिंहदेव ने कहा… करार हुआ था ,पर मैं नहीं था तब ऊर्जा मंत्री
छत्तीसगढ़ के पूर्व उपमुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव ने न्यूज चैनल आज तक से बातचीत में ये तो स्वीकार किया कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार के समय ढाई रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली लेने का सेकी से करार हुआ था किंतु तब वे न तो उपमुख्यमंत्री थे और न ही ऊर्जा विभाग उनके पास था ,वो तो चुनाव के कुछ अरसा पहले ही उपमुख्यमंत्री बने थे और ऊर्जा विभाग तब उनके अधीन हुआ था।