कांग्रेस और शिवसेना UBT के नेताओं ने पूर्व CJI डीवाई चंद्रचूड़ को लेकर 2 बयान दिए हैं। जिसमें एक ही बात कही गई है कि अजमेर-संभल में हुए मंदिर-मस्जिद जैसे विवादों के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जिम्मेदार हैं।
संजय राउत ने मुंबई में रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जहां उन्होंने पूर्व CJI को न सिर्फ मंदिर-मस्जिद विवाद के लिए जिम्मेदार बताया, बल्कि महाराष्ट्र में चल रही राजनीतिक उथल-पुथल के लिए भी आरोपी बताया। राउत ने कहा- सरकार बनाने के लिए अभी तक राज्यपाल से कोई नहीं मिला है। इन सबके लिए जस्टिस चंद्रचूड़ जिम्मेदार हैं।
उधर, जयराम रमेश ने भी कहा- 20 मई 2022 को पूर्व CJI की प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट पर टिप्पणी की थी, जिसने मंदिर-मस्जिद वाली याचिकाओं का रास्ता साफ किया है। उन्होंने कहा था कि प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट किसी पूजा स्थल के धार्मिक चरित्र का पता लगाने पर प्रतिबंध नहीं लगाता है। दरअसल, यह एक्ट प्राचीन धार्मिक स्थल के स्वरूप को बदलने पर रोक लगाता है।
प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट के मुताबिक- पूजा स्थल उसी रूप में संरक्षित किया जाएगा, जिस रूप में वह 15 अगस्त 1947 को था। अगर यह साबित भी हो जाता है कि उसे किसी दूसरे धर्म के उपासना स्थल को तोड़कर बनाया गया है, तब भी उसके स्वरूप को बदला नहीं जा सकता।