O जम्मू-कश्मीर के वैष्णो देवी मंदिर तक जाने वाले प्रस्तावित रोपवे प्रोजेक्ट के खिलाफ स्थानीय लोगों का विरोध-प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है. सोमवार को भी करीब 2 हजार लोगों ने प्रोजेक्ट के खिलाफ उग्र-प्रदर्शन किया. इस दौरान पुलिस पर पथराव भी हुआ. प्रदर्शनकारियों के साथ कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह भी मौजूद थे. बता दें कि भूपेंद्र पिछले कुछ सालों से वैष्णो देवी ट्रैक पर काम करने वाले मजदूरों के नेता भी हैं.
TTN Desk
वैष्णो देवी रोपवे प्रोजेक्ट के खिलाफ स्थानीय लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सोमवार को प्रदर्शन उग्र हो गया। आज विरोध प्रदर्शन का चौथा दिन है। जानकारी के लिए बता दें कि पुलिस ने सोमवार को मजदूरों को रोकने का प्रयास किया। इसके बाद पुलिस ने सख्ती दिखाई, फिर पत्थरबाजी शुरू हो गई। इसी पर जानकारी देते हुए रियासी के एसएसपी परमवीर सिंह ने बताया कि यहां लोग पिछले 3 दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और हम इसे संभाल रहे हैं। आज पुलिस पर पथराव किया गया, हम स्थिति को संभालने की कोशिश कर रहे हैं, उम्मीद है कि जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी।
O यहां जानें क्या है पूरा मामला
जानकारी के लिए बता दें कि पुलिस की तैनाती कर दी गई है। सीआरपीएफ की 6 बटालियन भी तैनात है। इस परियोजना के बारे में जानें तो माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड द्वारा 12 किलोमीटर ट्रैक के साथ ताराकोटे मार्ग से सांजी छत के बीच 250 करोड़ रुपये की यात्री रोपवे परियोजना शुरू की गई। इसके बाद खच्चर, दुकानदारों का विरोध प्रदर्शन हो रहा है। बता दें कि वैष्णो देवी पहुंचने के लिए रोपवे की सुविधा उपलब्ध होगी। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि 2026 में प्रोजेक्ट पूरा होगा। स्थानीय लोग इस प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे हैं।
O तीसरे दिन भी बंद रहीं दुकानें,पालकी सेवा
यात्रा मार्ग पर अधिकतर निजी दुकानें तीसरे दिन भी बंद रहीं, जबकि टट्टू और पालकी मालिकों ने तीर्थयात्रियों को कोई सेवा नहीं दी, जिससे कई श्रद्धालुओं को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। हालांकि, मंदिर के लिए यात्रा बिना किसी व्यवधान के जारी रही।
O मजदूरों के हितों को भी पहुंचेगा नुकसान : साहनी
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की जम्मू-कश्मीर इकाई के प्रमुख मनीष साहनी ने प्रदर्शन में शामिल होकर मांग का समर्थन किया और कहा कि रोपवे परियोजना हिंदू श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के समान है। श्रद्धालुओं को सेवाएं प्रदान करने वाले मजदूरों के हितों को भी नुकसान पहुंचा रही है।
O आगे की रणनीति करेंगे तैयार
प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे सोनू ने कहा, ‘हम अपना तीन दिवसीय प्रदर्शन आज श्राइन बोर्ड के कार्यालय के बाहर धरने के साथ समाप्त कर रहे हैं। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे नेता धरने के बाद भविष्य की रणनीति तैयार करेंगे।’
O हर मजदूर के लिए 20 लाख की वित्तीय सहायता की मांग
कांग्रेस नेता और मजदूर संघ के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह जामवाल ने अपनी मांग दोहराई कि सरकार को प्रभावित लोगों के लिए पुनर्वास योजना बनानी चाहिए। उन्होंने प्रत्येक मजदूर को 20 लाख रुपये की वित्तीय सहायता देने का सुझाव दिया।
O विरोध के कारण पहले भी स्थगित हो चुकी है रोप वे परियोजना
बता दें कि पिछले हफ्ते श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित और तेज यात्रा की सुविधा को लेकर श्राइन बोर्ड ने रोपवे परियोजना के कार्यान्वयन की घोषणा की। श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) अंशुल गर्ग ने कहा, ‘रोपवे परियोजना बेहद महत्वपूर्ण साबित होगी, खासकर उन श्रद्धालुओं के लिए जो मंदिर तक खड़ी चढ़ाई करना चुनौतीपूर्ण पाते हैं।’ इस परियोजना को पहले भी इसी तरह के विरोध के कारण स्थगित कर दिया गया था।