अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से पहले बहुप्रतीक्षित प्रेसिडेंशियल डिबेट में मंगलवार रात भारत वंशीकमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप ने एक-दूसरे पर तीखे आरोप लगाए। कभी कमला हावी होती दिखीं तो कभी ट्रंप।हालांकि जानकर मान रहे कि इस बहस में हैरिस का पलड़ा भारी रहा और यही कारण है कि बहस के बाद उनकी डेमोक्रेटिक पार्टी जश्न में डूबी है।अमेरिका के चार बड़े मीडिया हाउस के सर्वेक्षण में भी हैरिस को डिबेट में विजयी बताया गया है।
मंच पर आते ही उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से हाथ मिलाया।
फिर अगले 90 मिनट तक हैरिस ने ट्रंप के आपराधिक दोषसिद्धि और कोविड से निपटने के तरीके की आलोचना की। दिलचस्प बात यह है कि अमेरिका के इतिहास में पिछले आठ सालों से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों ने हाथ नहीं मिलाया है। हैरिस ने कहा, अब पन्ना पलटने का समय आ गया है। बहस शुरू होने के बाद दोनों प्रतिद्वंद्वियों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाना शुरू कर दिया।
डेमोक्रेटिक पार्टी की कमला हैरिस ने ट्रंप पर हमारे लिए सबसे खराब अर्थव्यवस्था छोड़ने का आरोप लगाया। कमला ने कहा कि वह एक मध्यम वर्गीय परिवार से हैं। अमेरिका के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने की योजना सिर्फ उनके पास है। इस डिबेट में पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने मौजूदा बाइडेन सरकार पर देश में महंगाई के सबसे बुरे दौर का आरोप लगाया। उन्होंने कई बार बाइडेन की चीन नीति को लेकर कमला हैरिस पर निशाना साधा।
कमला हैरिस ने चीन को लेकर ट्रंप पर भी कटाक्ष किया। ट्रंप ने अपराध नियंत्रण पर बाइडेन प्रशासन के रिकॉर्ड पर हमला बोला। इस पर हैरिस ने कहा- यह टिप्पणी एक ऐसे व्यक्ति द्वारा की जा रही है, जिस पर कई बार आपराधिक आरोप लग चुके हैं। ट्रंप ने तुरंत 13 जुलाई को अपनी हत्या के प्रयास का जिक्र किया। कहा- शायद उन्हीं बातों की वजह से मेरे सिर में गोली लगी हो। आप लोग मुझे लोकतंत्र के लिए खतरा कहते हैं। वास्तव में आप लोग ही लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं।
यूं पड़ी हैरिस ट्रंप पर भारी
बीबीसी उत्तरी अमेरिका के संवाददाता एंथन जर्चर ने अपनी एक रिपोर्ट में इस बहस को विश्लेषित करते हुए लिखा है कि90 मिनट की बहस में कमला हैरिस ने डोनाल्ड ट्रंप को बार-बार परेशान किया.
कमला हैरिस ने ट्रंप को उनकी रैली में भीड़ की संख्या और कैपिटल हिल पर हुए हमले को लेकर घेरा. हैरिस ने उन अधिकारियों का भी ज़िक्र किया जो कभी ट्रंप के साथ थे और अब उनकी जमकर आलोचना करते हैं.
कमला हैरिस ने ट्रंप को उकसाया कि वो उन अधिकारियों का बचाव करें.
अगर बहस इस बात पर जीती या हारी जाती है कि उम्मीदवार उन मुद्दों का सबसे अच्छा फ़ायदा उठाए जो मतदाताओं से सीधे जुड़े हैं तो कमला हैरिस इस मामले में सफल रही हैं.
कमला हैरिस मुद्दों को अपने हिसाब से मोड़ने में भी कामयाब रहीं.
जैसे-जैसे डिबेट आगे बढ़ती गई, हैरिस ने कई बार ट्रंप को बचाव की मुद्रा में ला दिया. हैरिस ने कई तरह से प्रहार और कटाक्ष किए, जिनका जवाब देने के लिए ट्रंप बाध्य महसूस कर रहे थे.
कमला हैरिस ने ट्रंप को कमज़ोर कहा. उन्होंने कहा कि विदेशी नेता उन पर हँस रहे थे.
हैरिस ने कहा कि लोग “थकान और ऊब” के कारण उनकी रैलियों से जल्दी चले जा रहे हैं.
कई अमेरिकी लोगों के मन में ये था कि हैरिस महंगाई, अप्रवासन और अफ़गानिस्तान वापसी जैसे विषयों पर कमज़ोर होंगी.
अधिकांश मामलों में ट्रंप अपने प्रहारों को प्रभावी ढंग से पेश करने में असमर्थ रहे और आने वाले दिनों में उन्हें इस चूक के लिए अफ़सोस हो सकता है.
जनमत सर्वेक्षणों से पता चलता है कि कई अमेरिकी इस बात से नाख़ुश हैं कि बाइडन प्रशासन ने महंगाई और अर्थव्यवस्था को कैसे संभाला है.लेकिन हैरिस ने इस विषय को ट्रंप के प्रस्तावित टैरिफ की ओर मोड़ दिया, जिसे उन्होंने “ट्रंप बिक्री कर” करार दिया.
डिबेट के दौरान कमला हैरिस का हाव भाव भी प्रभावी दिखा.प्रेसिडेंशियल डिबेट के ज़्यादातर हिस्से में जब ट्रंप कोई जवाब दे रहे हैं, तब हैरिस उन्हें सीधा देखते हुए असहमति में अपना सिर हिलाती दिखीं या मुस्कुराती नज़र आईं.
जब ट्रंप ने हैरिस को ‘मार्क्सवादी’ कहकर संबोधित किया, तब हैरिस ने अपना हाथ ठुड्डी पर रखकर ये इशारा किया कि उन्हें बात समझ नहीं आई.
लेकिन अर्थव्यवस्था या अबॉर्शन जैसै मुद्दे पर हैरिस सीधे कैमरे में देख रही थीं, मानो वो वोटर्स से बात कर रही हों.
वहीं ट्रंप पूरी डिबेट में हैरिस से आंख मिलाने से बच रहे हैं. वो हैरिस के सवालों पर उनकी ओर उंगली दिखा कर बात करते दिखे.अबॉर्शन के मुद्दे पर डिबेट के दौरान ट्रंप काफ़ी भड़क गए थे.