महामारी के बीच साहस और कर्तव्यनिष्ठा की एक कहानी ये भी :

यह जज्बा है पुणे के हॉस्पीटल की नर्स रानी महादिक (उम्र 36)  का।

रानी महादिक ने कोरोना से जंग जीत कर फिर से 15 मई को ड्यूटी ज्वाइन की। वे पुणे के ससून अस्पताल में पिछले ६ वर्षो से कार्यरत हैं । पिछले महीने कोरोना वार्ड में ड्यूटी के बाद जब उनका टेस्ट किया गया तो रिपोर्ट पॉजिटिव अाई। काम के दौरान रानी हॉस्पिटल हॉस्टल में ही रह रही थी ।लेकिन इस दौरान उन्होंने अपने पति अभिजीत से मुलाकात की थी। रानी की हिस्ट्री देखने के बाद जब उनके पति का कोरोना टेस्ट किया गया तो उनकी रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई। दोनों को पुणे के अस्पताल में ही भर्ती किया गया।  लेकिन दोनों ने हार नहीं मानी।जिंदादिली से लड़े और बीमारी से जीते।

रानी कहती हैं कि उन्होंने नोटिस किया था कि कोरोना से ठीक होने का रेट बहुत अच्छा है।  दंपत्ति ने इससे साथ लड़ने का निर्णय लिया और हार नहीं मानी।  उनके परिवार और सोसाइटी के लोगो ने उनका बहुत साथ दिया।  जब 14 दिनों के बाद दोबारा उनका कोरोना टेस्ट किया गया तो रिपोर्ट नेगटिव आई।  उसके बाद उन्हें और 14 दिनों के लिए होम क्वारंटाइन किया गया।

रानी ने पिछले 15 मई को फिर से उसी हॉस्पिटल में नॉन कोविड वार्ड में ड्यूटी ज्वाइन की। रानी ने कहा कि यह उनके लिए गर्व की बात है कि वह ऐसे कठिन समय में समाज के लिए फिर से काम कर पा रही हैं।