TTN Desk
प्रयागराज।महाकुंभ के दौरान, फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर की पदवी से नवाजा गया था। लेकिन महज छह दिन बाद, ममता को अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया है। इसके साथ ही, किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी उनके पद से हटा दिया गया है। यह कदम किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास द्वारा उठाया गया, जिन्होंने शुक्रवार को दोनों को अखाड़े से बाहर कर दिया।
O ममता कुलकर्णी का संन्यास का कदम
ममता कुलकर्णी, जो बॉलीवुड में अपनी अदाकारी के लिए मशहूर रही हैं, ने 24 जनवरी को महाकुंभ में संन्यास लेने का संकल्प लिया था। ममता ने संगम में अपने परिवार का पिंडदान किया और संन्यास धारण कर लिया। उन्होंने यह घोषणा की थी कि अब उनका जीवन सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार में समर्पित रहेगा। इस दौरान, किन्नर अखाड़े ने उन्हें महामंडलेश्वर की पदवी दी थी और उनका नाम श्री यमाई ममता नंद गिरि रखा गया था। आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने ममता को वृंदावन स्थित आश्रम की जिम्मेदारी दी थी और कहा था कि उनका जीवन अब धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित रहेगा।
O मामले में हुआ विरोध और विवाद
ममता कुलकर्णी का महामंडलेश्वर बनना शुरू से ही विवादों में घिरा था। उनके इस कदम का किन्नर समाज के कुछ हिस्सों ने विरोध किया था, और उनके खिलाफ कुछ आपत्ति जताई गई थी। इसके अलावा, ममता की इस नई पहचान को लेकर समाज में भी कई तरह की प्रतिक्रियाएं आई थीं। लोग यह सवाल उठा रहे थे कि एक बॉलीवुड अभिनेत्री को इस पद पर क्यों बिठाया गया, और क्या उनका संन्यास लेना सनातन धर्म के वास्तविक उद्देश्य को पूरा करता है या नहीं। ममता का अखाड़े में प्रवेश और महामंडलेश्वर बनने के बाद इन सवालों ने एक नई दिशा ले ली थी।
O ऋषि अजय दास ने दिया निष्कासन का आदेश
शुक्रवार को, किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने ममता कुलकर्णी और आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को अखाड़े से निष्कासित कर दिया। उन्होंने यह कदम अखाड़े के नियमों और परंपराओं का उल्लंघन करने के आरोप में उठाया। ऋषि अजय दास ने कहा कि ममता और लक्ष्मी नारायण ने अखाड़े के नियमों का पालन नहीं किया और इस कारण उन्हें निष्कासित किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि किन्नर समाज की धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं के खिलाफ कोई भी कार्यवाही नहीं की जाएगी।
O आचार्य लक्ष्मी नारायण पर कार्रवाई
ममता कुलकर्णी के साथ ही आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी पर भी गाज गिरी। उन्हें उनके पद से हटा दिया गया है, और उनकी भूमिका को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। आचार्य लक्ष्मी नारायण ने ममता को महामंडलेश्वर बनाने में अहम भूमिका निभाई थी, और उनके द्वारा ममता को यह पद देने को लेकर भी विवाद हुआ था। अब, उन्हें भी उनके पद से हटा दिया गया है, और उनकी भविष्य की भूमिका पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है।
O ममता कुलकर्णी ने क्या कहा
इस मामले पर ममता कुलकर्णी का बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा कि वह अपने कदम से पीछे नहीं हटेंगी और धर्म के प्रचार-प्रसार में अपना कार्य जारी रखेंगी। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वह इस विवाद को शांति से हल करना चाहती हैं और किसी भी प्रकार की अनावश्यक विवादों से बचने की कोशिश करेंगी।
O आखिरकार, क्या होगा ममता और लक्ष्मी नारायण का भविष्य?
महामंडलेश्वर की पदवी से ममता कुलकर्णी का निष्कासन और आचार्य लक्ष्मी नारायण का पद से हटना किन्नर अखाड़े और उनके अनुयायियों के लिए एक बड़ा झटका है। यह घटना एक बार फिर इस बात की पुष्टि करती है कि धार्मिक और समाजिक परंपराओं में बदलाव लाना हमेशा आसान नहीं होता। ममता और लक्ष्मी नारायण का भविष्य अब पूरी तरह से अनिश्चित है, लेकिन इस विवाद ने समाज में एक नई बहस को जन्म दिया है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि ममता कुलकर्णी अब किस दिशा में अपने जीवन को आगे बढ़ाती हैं और क्या वे अपने धर्म प्रचार के उद्देश्य को हासिल करने में सफल होती हैं।