दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को जगदीश सिंह नाम के एक व्यक्ति को फैक्ट-चेकर और ऑल्ट न्यूज के पत्रकार मोहम्मद जुबैर को ‘जिहादी’ कहने के लिए अपने एक्स (ट्विटर) हैंडल पर माफी मांगने का आदेश दिया।
न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी ने कहा कि माफीनामा सिंह के एक्स हैंडल पर कम से कम दो महीने तक रहना चाहिए।
सिंह ने टिप्पणी की थी, “एक बार जिहादी हमेशा जिहादी रहता है”।
कोर्ट ने कहा कि माफ़ीनामे वाले ट्वीट में इस टिप्पणी का संदर्भ होना चाहिए।
जस्टिस भंभानी ने कहा कि माफ़ीनामे वाले ट्वीट में लिखा होना चाहिए,
“मुझे उपरोक्त टिप्पणी करने का खेद है, जो किसी दुर्भावना या मोहम्मद जुबैर को चोट पहुँचाने या अपमानित करने के इरादे से नहीं की गई थी।”
सुनवाई के दौरान जस्टिस भंभानी ने सिंह द्वारा की गई कुछ अन्य पोस्ट की जाँच की और टिप्पणी की कि ऐसे लोगों को सोशल मीडिया से प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।
इस बीच, कोर्ट ने जुबैर को सिंह द्वारा किए गए माफ़ीनामे वाले ट्वीट को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रीट्वीट न करने का निर्देश दिया।
कोर्ट ने कहा कि जुबैर सिंह के खिलाफ़ किसी भी दीवानी या आपराधिक कार्यवाही के लिए माफ़ीनामे का इस्तेमाल नहीं कर सकते।
यह आदेश जुबैर द्वारा वर्ष 2020 में दायर एक याचिका पर पारित किया गया था। जुबैर ने दिल्ली पुलिस की एफआईआर को रद्द करने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जब उन्होंने सिंह को ट्रोल होने के लिए कहा और उनकी डिस्प्ले पिक्चर को रीट्वीट किया, जिसमें उनकी बेटी थी, लेकिन पिक्सेलेट होने के बाद/ बेटी की छवि को धुंधला कर दिया।