TTN Desk
अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को हश मनी केस (पोर्न स्टार केस) में अमेरिकी कोर्ट ने दोषी ठहराया है। हालांकि ट्रंप जेल जाने से बच गए। न्यूयॉर्क के जज जुआन मर्चन ने पोर्न स्टार स्टॉर्मी डैनियल्स को गुप्त धन देने के मामले में डोनाल्ड ट्रंप को अपराधी करार दिया लेकिन उन्हें कोई सजा नहीं दी।
O दोषी साबित पर जेल जाने से बचे
रिपोर्ट के अनुसार, जज ने ट्रंप को अनकंडीशनल डिस्चार्ज का आदेश दिया। इसका मतलब यह है कि ट्रंप को न तो जेल जाना होगा और न ही कोई जुर्माना देना पड़ेगा। कोर्ट के आदेश के अनुसार, ट्रंप बेहद जेल जाने से बच गए लेकिन उनके पॉलिटिकल करियर पर एक धब्बा छोड़ गया। क्योंकि यह पहला मामला है जब किसी राष्ट्रपति को इस तरह के मामलों में दोषी ठहराया गया। इसी के साथ ही अब यह मामला यहीं पर खत्म हो गया।
O ट्रंप का दूसरे कार्यकाल के लिए रास्ता साफ
ट्रंप की बिना शर्त रिहाई की सजा एक आदर्श-तोड़ने वाला मामला है जिसमें पूर्व और नव निर्वाचित राष्ट्रपति पर कई आरोप लगाए गए। लगभग दो महीने तक मुकदमा चलाया गया और हर मामले में दोषी ठहराया गया। जानकारी के अनुसार, मैनहट्टन के न्यायाधीश जुआन एम. मर्चन ट्रंप को चार साल तक की जेल की सज़ा सुना सकते थे। हालांकि, उन्होंने एक ऐसा फैसला चुना, जिसने मामले का प्रभावी ढंग से निपटारा करते हुए कई संवैधानिक मुद्दों को पनपने से रोक दिया। कोर्ट के फैसले को ट्रंप के लिए बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है और इससे उनके व्हाइट हाउस में बतौर राष्ट्रपति दूसरे कार्यकाल के लिए लौटने का रास्ता भी साफ हो गया है।
0 ट्रंप बने कोर्ट से सजा पाने वाले पहले राष्ट्रपति
ट्रंप अमेरिका में राष्ट्रपति पद पर काबिज होने वाले पहले ऐसे व्यक्ति होंगे, जिन्हें किसी आपराधिक मामले में दोषी करार देते हुए औपचारिक सजा सुनाई गई। यह मामला 2016 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान ट्रंप द्वारा अपने एक सहयोगी के माध्यम से पॉर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को 1,30,000 अमेरिकी डॉलर का भुगतान किए जाने से जुड़ा हुआ है, ताकि वह उनके साथ यौन संबंध बनाने की बात सार्वजनिक न करे।
पूर्व राष्ट्रपति ने पॉर्न स्टार को मुंह बंद रखने के लिए भुगतान करने से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट से सजा सुनाए जाने पर रोक लगाने का अनुरोध किया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने ट्रंप की याचिका खारिज कर दी थी, जिससे न्यायमूर्ति मर्चन के लिए शुक्रवार को उनकी सजा का ऐलान करने का रास्ता साफ हो गया था।