इंदौर (एजेंसी)। महात्मा गांधी की 151वीं जयंती के कार्यक्रम पर इंदौर में पीएम मोदी का मुखौटा पहनकर पहुंचे भाजपा कार्यकर्ता को भारी विरोध का सामना करना पड़ा। भाजपा कार्यकर्ता का आरोप है कि शुक्रवार को वे पीएम नरेंद्र मोदी की वेशभूषा में कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे तो कांग्रेसी कार्यकर्ताओं अपना आपा खो बैठे।
भाजपा कार्यकर्ता ने बताया कि वे पीएम मोदी का मुखौटा पहनकर गांधी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने पहुंचे थे। प्रतिमा को माला पहनाकर जैसे ही वह नीचे उतरे कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने उन्हें खूब खरी खोटी सुनाई और जमकर झूमा-झटकी भी हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह घटना शुक्रवार सुबह करीब 9 बजे पेश आई। गांधी जयंती के मौके पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने रीगल चौराहा स्थित गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण का कार्यक्रम आयोजित किया था। कार्यक्रम में पहुंचे भाजपा कार्यकर्ता लच्छु शर्मा भी वहां पंहुचे थे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुखौटा लगा रखा था और उनकी वेशभूषा धारण कर रखी थी। इससे कांग्रेसी कार्यकर्ता गुस्से में आ गए और उन्होंने पीएम मोदी को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी। लच्छु शर्मा के साथ वहां मौजूद अन्य भाजपा कार्यकर्ता कांग्रेसियो को चिढ़ाते हुए नारे लगाने लगे। इससे कांग्रेसी कार्यकर्ता और ज्यादा आक्रोशित हो गए और उन्होंने हाथरस कांड और युवती की हत्या को लेकर सवाल उठाने लगे। भाजपा कार्यकर्ताओं का आरोप है कि कुछ आक्रोशित कांग्रेसी कार्यकर्ताओ ने उनके साथ धक्का मुक्की भी की। मौके पर मौजूद पुलिस ने हंगामा बढ़ता देख भाजपा कार्यकर्ताओं को कार्यक्रम स्थल से वापस भेज दिया।
इस धक्का-मुक्की का शिकार हुए भाजपा कार्यकर्ता लक्ष्मीनारायण शर्मा के मुताबिक वे मोदी के वेशभूषा में कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। उन्होंने सवाल किया कि, क्या गांधी जी केवल कांग्रेसियों के हैं। उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण का अधिकार सबको है। मैं माला पहनाने आया तो कांग्रेसी बौखला गए और मारपीट पर उतारू हो गए। यह नैतिकता के खिलाफ है। कांग्रेसियों ने मेरे साथ गाली-गलौज और मार-पीट की। उनपर मुकदमा दर्ज होना चाहिए। मैं मोदी का रूप धरकर आया तो उन्हें तकलीफ हो गई। कुर्सी जाने के बाद ये पागल हो गए हैं। मोदी जी जब राजघाट पर पुष्प अर्पित करके आए तो किसी कांग्रेसी को तकलीफ नहीं हुई। यहां कांग्रेसी क्यों बौखला रहे हैं। इस घटना पर टिप्पणी करते हुए सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि कुछ कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने हमारे कार्यकर्ता के साथ झूमाझटकी की है। उन्होंने कहा, महात्मा गांधी सिर्फ कांग्रेस के नहीं हैं। आजादी की लड़ाई के वक्त जो कांग्रेस थी, वह कोई राजनीतिक पार्टी नहीं बल्कि एक आंदोलन था। जो वर्तमान में कांग्रेस है वह राजनीतिक पार्टी है। मैंने इतिहास में पढ़ा है कि महात्मा गांधी खुद चाहते थे कि आजादी के बाद आंदोलन वाली कांग्रेस को खत्म कर दिया जाए। वे राजनीतिक पार्टी बनाना नहीं चाहते थे। जो कृत्य उन्होंने किया है वह दुखद और निंदनीय है।