______मनोज शर्मा_____
OO छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित नाम घोटाले के सिलसिले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW ) द्वारा दर्ज एक एफआईआर की जांच अब सीबीआई करेगी।करोड़ों रुपए के बताए गए इस घोटाले की परतें आज से करीब नौ साल पहले उघड़ने की शुरुआत बीजेपी शासन काल में हुई थी।तब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहे भूपेश बघेल और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टी एस सिंहदेव ने बीजेपी सरकार पर बड़े आरोप लगा दो नौकरशाहों को बचाने का आरोप मढ़ा था। उस समय इन दोनों नेताओं ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिख कर मांग की थी इस मामले की सीबीआई जांच हो।2018 में कांग्रेस सत्ता में आई,भूपेश सीएम और सिंहदेव मंत्री बने।मगर इनकी सरकार ने सीबीआई की एंट्री ही प्रदेश में बंद करवा दी यही नहीं जिन दो नौकरशाहों को नान घोटाले के केंद्र में रखा गया उन पर कोई कार्यवाही तो दूर ये सत्ता के करीब आ और पावरफुल हो गए।जिन पर अब विपक्ष में बैठी बीजेपी ने आरोप लगाए।बहरहाल 2023 में प्रदेश में फिर सत्ता परिवर्तन हुआ।बीजेपी सत्ता में आई और भूपेश सरकार के खिलाफ बीजेपी जिन घोटालों का आरोप लगाती थी,जिन पर पहले ही ईडी की भी जांच चल रही थी अब उन मामलों में नए मामले EOW ने दर्ज कर लिये।ऐसा ही नाम घोटाले के जुड़ा ये मामला है।अब राज्य सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी कर इसकी जांच सीबीआई को दे दी है।यूं आठ साल पहले जो ख्वाहिश कांग्रेस नेताओं ने पीएम को चिट्ठी लिख जताई थी,उसे विष्णुदेव साय सरकार ने पूरा कर दिया है।देखना होगा कि नान घोटाले के बोरे से अब कौन सी भ्रष्टाचार की काली बिल्लियां सीबीआई निकालती है।
TTN Desk
छत्तीसगढ़ के नान घोटाला (नागरिक आपूर्ति निगम) केस में EOW की ओर से दर्ज FIR मामले की अब CBI जांच करेगी। राज्य सरकार ने EOW में दर्ज केस एजेंसी को सौंप दिया है। साथ ही सरकार की तरफ से अधिसूचना भी जारी की गई है। कांग्रेस सरकार में महाधिवक्ता रहे सतीश चंद्र वर्मा जांच के घेरे में हैं। आरोप है कि नान घोटाला में अनिल टुटेजा, आलोक शुक्ला और सतीश चंद्र वर्मा ने गवाहों पर दबाव बनाया। बयान भी बदलवाने का आरोप है।
O 4 नवंबर को दर्ज की EOW ने एफआईआर
दरअसल, 4 नवंबर को EOW ने नान घोटाले में नई FIR दर्ज की गई थी। FIR में रिटायर्ड IAS अफसर अनिल टुटेजा, रिटायर्ड IAS आलोक शुक्ला और छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। तीनों पर प्रभावों का दुरुपयोग कर गवाहों को प्रभावित करने तथा जमानत लेने के लिए फर्जी दस्तावेज उपयोग करने का आरोप है। वॉट्सऐप चैट मिलने के बाद तीनों के खिलाफ FIR की गई थी।
O जांच सीबीआई या ईडी से करवाने पीएम को पत्र लिखा था भूपेश,सिंहदेव ने
छत्तीसगढ़ में हुए पीडीएस-नान घोटाले की जांच सीबीआई या प्रवर्तन निदेशालय ईडी से कराने की मांग को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेश बघेल और नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। दोनों नेताओं ने इस घोटाले में शामिल दो आईएएस अफसरों के घर छापा मारकर उन्हें गिरफ्तार करने की मांग भी की है।
0 क्या लिखा था पीएम को भेजे पत्र में
पत्र में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ में पीडीएस में वितरित होने वाले अनाज और अन्य सामानों कि व्यवस्था नागरिक आपूर्ति निगम यानि नान के पास है। फरवरी 2015 में एंटी करप्शन ब्यूरो ने मारे गए छापों में नान के अंदर भारी भ्रष्टाचार और मानव जीवन से खिलवाड़ करते हुए खराब गुणवत्ता के अनाज और नमक का वितरण उजागर हुआ था। इस मामले में 16 छोटे कर्मचारियों की गिरफ्तारी हुई और उन्हें जेल भी भेजा गया लेकिन घोटाले में शामिल विभाग के दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। पूरी एफआईआर और बाद में मामले में दायर चार्जशीट में दोनों आईएएस की ही मुख्य भूमिका बताई गई। जुलाई 2016 में डीओपीटी ने इन दोनों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति भी भेज दी है, इसके बावजूद इनके खिलाफ न तो जांच हो रही है और न ही चार्जशीट भी कोर्ट में दायर की गई है।
O केंद्र का पैसा केंद्रीय एजेंसी करे जांच
दोनों नेताओं ने कहा है कि पीडीएस का अधिकांश पैसा केन्द्र सरकार राज्य को उपलब्ध कराती है। इसलिए इससे संबंधी घोटाले की जांच केंद्रीय एजेंसी सीबीआई और ईडी को करनी चाहिए। दोनों नेताओं का दावा है कि इस मामले में दोनों आईएएस के अलावा कई लोगों की बेनामी और अवैध संपत्ति होने की बात एसीबी की जांच में आ चुकी है, लेकिन कोई अपराध पंजीबद्ध नहीं किया गया। दोनों नेताओं ने कहा है कि केंद्रीय एजेंसी जांच करेगी तो इस मामले में शामिल कुछ और लोग भी दंडित हो सकेंगे।