OO छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में जहरीली शराब पीने से 8 लोगों की मौत हो गई है। जबकि 4 की हालत गंभीर बताई जा रही है। गंभीरों को इलाज के लिए सिम्स में भर्ती किया गया है। जहरीली शराब पीने से पहले एक मौत का मामला सामने आया था। उसके बाद परिजनों ने बीमारी समझकर लाश का अंतिम संस्कार कर दिया था। उसके बाद शुक्रवार रात एक साथ चार लोगों की मौत हुई। धीरे-धीरे मौतों का आंकड़ा बढ़कर 8 हो गया है।
TTN Desk
बिलासपुर।यह मामला बिलासपुर जिले के लोफन्दी गांव का है। जानकारी के अनुसार, महुआ शराब पीने की जानकारी मिली थी। मरने वाले सभी एक ही गांव के रहने वाले हैं। सूचना मिलने के बाद पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। हालांकि पुलिस के कहने के बाद भी परिजनों ने शवों का पोस्टमार्टम करवाने से इंकार कर दिया। हालांकि स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिसवालों ने भी शवों को रोकने की कोशिश नहीं की है। इस मामले में पुलिस का कहना है कि परिजन शवों का पोस्टमॉर्टम कराने के लिए तैयार नहीं थे।
O सरपंच के भाई की भी मौत
जहरीली शराब पीकर मरने वालों में लोफन्दी गांव के सरपंच रामाधार सुनहले के भाई रामू सुनहले की भी मौत हो गई है। स्थानीय लोगों का कहना है जहरीली शराब पीने से सभी की मौत हुई है। जबकि पुलिस का कहना है मामले की जांच की जाएगी।
O 3-4 दिनों से हो रही थी मौत
स्थानीय लोगों के मुताबिक, महुआ की शराब पीने के बाद लोग बीमार पड़ गए थे। पिछले तीन-चार दिन से लोग बीमार थे। जिस कारण लोगों की मौत हो रही है। स्थानीय लोगों का दावा है कि कि 8 लोगों की मौत शराब पीने से हुई है। शुक्रवार को जब एक साथ चार लोगों की मौत हुई। चार लोगों की मौत होने से गांव में सन्नाटा पसर गया। जिसके बाद लोगों ने दावा कि गया कि सभी मृतकों ने महुआ की शराब पी थी।
O पुलिस ने केवल एक शव का कराया पोस्टमॉर्टम
पुलिस की टीम जब गांव पहुंची, तो 3 शवों को परिजनों ने मुक्तिधाम ले जाकर अंतिम संस्कार कर दिया, लेकिन पुलिस ने पोस्टमॉर्टम कराने के लिए रोकने की कोशिश नहीं की। पुलिस का कहना है कि, परिजन उनके शवों का पोस्टमॉर्टम कराने के लिए तैयार नहीं थे, इसलिए केवल एक ही शव को पीएम के लिए भेजा गया।
O शराब पीने के बाद धीरे-धीरे शरीर काला पड़ने लगा
मृतक रामू की बेटी पूर्णिमा ने बताया कि शराब पीने के बाद धीरे-धीरे असर किया है। 3-4 दिन में शरीर में जहर जैसा कुछ फैला। शरीर को काला कर दिया। गांव में कई जगह शराब बिकती है। जंगल के पास, बस्ती में और गांव के अलग-अलग जगहों में बिक रही है।