TTN Desk
भोपाल के यूनियन कार्बाइड के कचरे को लेकर पीथमपुर और धार में बवाल मचा हुआ है। एमपी सरकार ने पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के कचरे को जलाने का जलाने का आदेश दिया था। हालांकि, अब पीथमपुर और धार दोनों ही जगहों परृ विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। इन दोनों ही जगहों का विरोध प्रदर्शन काफी उग्र नजर आ रहा है। दो लोग आग से झुलस भी गए हैं। हालांकि, वहां मौके पर मौजूद प्रशासनिक अधिकारी और पुलिसकर्मियों ने घायलों को अस्पताल पहुंचा दिया है।
O पीथमपुर बंद
भोपाल के यूनियन कार्बाइड के कचरे को लेकर पीथमपुर में आज शुक्रवार को बंद का ऐलान किया गया । आयशर चौराहे पर सड़क जाम कर रहे लोगों को पुलिस ने खदेड़ दिया है। लेकिन, फिर भी काफी बड़ी संख्या में वहां भीड़ नजर आ रही है।
O मुद्दे का राजनीतीकरण न हो : सीएम
बता दें कि, भोपाल में बंद पड़े यूनियन कार्बाइड कारखाने से गुरुवार को 337 टन जहरीले कचरे को पीथमपुर में लाया गया। जिसका विरोध अब शुरू हो गया है। इस मामले पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। सीएम मोहन ने आगे कहा कि कचरे में 60 फीसदी मिट्टी और 40 फीसदी नेफ्थोल शामिल है। जिसका उपयोग कीटनाशक मिथाइल आइसोसाइनेट (एमआईसी) बनाने के लिए किया गया जाता है। यह बिल्कुल भी हानिकारक नहीं है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों के अनुसार इसका जहर लगभग 25 साल तक रहता है और यह त्रासदी 40 साल पहले हुई थी।
0 दिसंबर 1984 में हुई थी वो भयंकर गैस त्रासदी
गौरतलब है कि, साल 1984 के दो और तीन दिसंबर की रात में राजधानी भोपाल के यूनियन कार्बाइड कीटनाशक कारखाने से अत्याधिक जहरीली मिथाइल आइसोसाइनेट (एमआईसी) लैस लीक हुई थी। जिसके चलते 5479 लोगों की मौत हो गई थी। साथ ही, इस गैस के प्रभाव में हजारों से ज्यादा लोग गंभीर रूप से बीमार हुए थे। यह दुनिया की सबसे खराब औद्योगिक आपदा के रूप में माना जाता है।