फोटो: नवजात बच्ची का शव ढूंढने जब पुलिस बनास नदी के तट पर पहुंची तो लोग ब्रिज पर उमड़ पड़े
OO गुजरात के पाटण में फर्जी डॉक्टर ने एक परिवार को अनाथ बच्ची गोद दिलाकर 1.20 लाख की धोखाधड़ी की थी। इस मामले में फर्जी डॉक्टर समेत तीनों आरोपी फिलहाल रिमांड पर हैं। आरोपियों ने पुलिस के सामने कबूला है कि वे एक और नवजात बच्ची को बेचने वाले थे, लेकिन उससे पहले ही उसकी मौत हो गई थी।
TTN Desk
पाटण जिले के राधनपुर के कोरडा गांव के फर्जी डॉ. सुरेश ठाकोर ने अप्रैल महीने में एक नवजात बच्ची पाटण के निःसंतान दंपती को 1.20 लाख रुपए में बेचा था। हालांकि, यह बच्ची बीमार रहता थी और एक महीने में ही उसके सिर में गांठ भी हो गई थी। इसके चलते दंपती ने डॉक्टर को बच्ची लौटा दी थी।
इसके बाद फर्जी डॉक्टर ने कुश अस्पताल की महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता शिल्पा ठाकोर के साथ मिलकर बच्चे को मई में डीसा के बाहरी इलाके में छोड़ दिया था। खुलासा हुआ है कि यह नवजात बच्चा रूप सिंह ठाकोर ने थरानी संस्कार अस्पताल में काम करने के दौरान दिया था, इसलिए पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया है। फिलहाल यह बच्चा पालनपुर के एक अनाथालय में जीवित और स्वस्थ स्थिति में है।
O इस तरह हुआ बाल तस्करी का खुलासा
गड्ढे से नमक तो बरामद हुआ है, लेकिन बच्ची का शव नहीं मिला
दंपती ने बच्चा वापस करने के बाद फर्जी डॉक्टर सुरेश ठाकोर से अपने रुपए वापस मांगने शुरु कर दिए। सुरेश ने शुरुआत में आनाकानी की और इसमें से 30 हजार रुपए ही वापस किए। इसके बाद दंपती ने आरोपी डॉक्टर के खिलाफ पुलिस में शिकायत कर दी और इस तरह बाल तस्करी के इस मामले का खुलासा हुआ।
जांच में एक और बच्ची के बारे में पता चला पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि आरोपी सुरेश ठाकोर एक और नवजात बच्ची (2 से तीन दिन की) को बेचने वाला था। यह बच्ची दो अन्य आरोपी नरेश रबारी और धीरेन ठाकोर लाए थे। आरोपी नवजात बच्ची कहां से लाए थे, इसकी पूछताछ चल रही है। हालांकि, इस बच्ची को बेचा जाता, उससे पहले ही उसकी मौत हो गई थी। इसके बाद तीनों आरोपियों ने उसका शव बनास नदी ब्रिज के नीचे दफना दिया था।
पुलिस इस बच्ची की तलाश कर रही है। आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस की टीम ने रविवार को सावधानीपूर्वक उसी जगह खुदाई करवाई। हालांकि, गड्ढे से नमक तो बरामद हुआ है, लेकिन बच्ची का शव नहीं मिला है। पुलिस को शक है कि मामला का खुलासा होने पर आरोपियों ने बच्ची को यहां से हटाकर कहीं और दफना दिया है।