OO कारोबारी सप्ताह के पहले दिन सोमवार को सेंसेक्स 1258 अंक यानी 1.59% की गिरावट के साथ 77,964.99 पर बंद हुआ। एनएसई का निफ्टी 50 इंडेक्स भी 388.70 अंक यानी 1.62 फीसदी गिरावट के साथ 23,616.05 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 28 में गिरावट रही। केवल सन फार्मा और टाइटन तेजी के साथ बंद हुए।
OO चीन में एचएमपीवी वायरस के कारण अफरातफरी बढ़ने और भारत के कर्नाटक व गुजरात जैसे राज्यों में संक्रमितों की पुष्टि के बाद भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को खरीदारों ने सतर्कता बरती। इससे प्रमुख बेंचमार्क सूचकांक नीचे फिसल गए और निवेशकों को करीब 12 लाख करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा।
TTN Desk
विदेशी पूंजी की निकासी होने से सोमवार 6 जनवरी 2025 को घरेलू शेयर बाजार में हाहाकार मच गया. शुरुआती कारोबार में बढ़त के साथ खुलने वाला बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1258.12 अंक या 1.59% की तेज गिरावट के साथ 77,964.99 अंक पर बंद हुआ. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी 388.70 अंक या 1.62% फिसलकर 23,616.05 अंक पर पहुंच गया.
O टाटा स्टील का शेयर सबसे अधिक टूटा
शेयर बाजार के कारोबार के आखिर में 30 शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स के 27 शेयर और 50 शेयर पर आधारित एनएसई निफ्टी के 43 शेयर गिरकर बंद हुए. वहीं, इन दोनों सूचकांकों में से बीएसई सेंसेक्स में तीन और एनएसई निफ्टी में सात शेयर लाभ के साथ बंद हुए. इन दोनों सूचकांकों में टाटा स्टील का शेयर सबसे अधिक टूटा. बीएसई में यह 4.41% गिरकर 132.20 रुपये और एनएसई में 4.60% टूटकर 132 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ. सबसे अधिक लाभ में रहने वाला शेयर टाइटन रहा. बीएसई में यह 0.60% की बढ़त के साथ 3469.75 रुपये प्रति शेयर पर पहुंच गया.
O घरेलू शेयर बाजार में बिकवाली हावी
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, “नई अमेरिकी आर्थिक नीतियों, भविष्य में दरों में कटौती पर फेड के आक्रामक रुख, 2025 के लिए मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी और मजबूत डॉलर की वजह से उभरते बाजार एकजुट हो रहे हैं, जो बाजार की धारणा को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहे हैं. घरेलू बाजार में तेज बिकवाली हावी है, जिसके चलते गिरावट आ रही है.”
O एशियाई बाजारों में नकारात्मक रुख
एशिया के दूसरे बाजारों में भी नकारात्मक रुख बना रहा. जापान के निक्केई 225, हांगकांग का हैंगसेंग और चीन के शंघाई कंपोजिट गिरावट के साथ बंद हुए. हालांकि, दक्षिण कोरिया के कॉस्पी बढ़त में रहा. अमेरिकी बाजार में शुक्रवार सकात्मक रुख रहा. वैश्विक तेल बाजार में ब्रेंट क्रूड मामूली बढ़त के साथ 76.53 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर कारोबार कर रहा है.
O लगातार मजबूत होता डॉलर,गिरता रुपया
लगातार मजबूत होते डॉलर और गिरते रुपये का असर भी भारतीय शेयर बाजार पर पड़ा है। आज अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया तीन पैसे टूटकर 85.82 (अस्थायी) प्रति डॉलर के सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया। लगातार मजबूत होता डॉलर भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बुरा संकेत है। इससे आयात और निर्यात पर असर पड़ रहा है जिससे सीधे तौर पर सरकारी खजाना प्रभावित हो रहा है। विदेशी निवेशकों (FIIs) द्वारा की जारी बिकवाली भी बाजार में गिरावट का बड़ा कारण है।