फाइल फोटो : आईएएस गोपालकृष्णन और आईएएस प्रशांत
TTN Desk
केरल सरकार ने दो आईएएस अधिकारियों को सर्विस नियमों का पालन नहीं करने और अनुशासन उल्लंघन के आरोप में निलंबित कर दिया है। दोनों के नाम हैं के. गोपालकृष्णन और एन.प्रशांत। सरकार ने कहा है कि गोपालकृष्णन ने ऐसा काम किया है जिससे अखिल भारतीय सेवा संवर्ग के भीतर फूट पैदा की, जबकि प्रशांत के आचरण ने राज्य की प्रशासनिक प्रणाली की छवि को नुकसान पहुंचाया है। गोपालकृष्णन ने सरकारी अधिकारियों के लिए धर्म आधारित ‘व्हाट्सऐप ग्रुप’ बनाया था जिसके कारण उन्हें निलंबित कर दिया गया था। वहीं प्रशांत को इसलिए सस्पेंड किया गया कि उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी की सार्वजनिक रूप से आलोचना की थी।
O दोनों अधिकारियों पर लगे हैं बड़े आरोप
केरल की पिनराई विजयन सरकार ने सोमवार की देर रात दोनों आईएएस अधिकारियों के जारी निलंबन आदेश में स्पष्ट किया कि दोनों दोनों का कृत्य गंभीर अनुशासनहीनता और अखिल भारतीय सेवा आचरण नियम 1968 की विभिन्न धाराओं का उल्लंघन है। आदेश में कहा गया कि हाल ही में एक ‘व्हाट्सऐप ग्रुप’ बनाया गया था, उद्योग निदेशक गोपालकृष्णन को उक्त समूह का ‘एडमिन’ बताया गया था। पुलिस जांच में पता चला कि ऐसा कोई सबूत नहीं है जो यह साबित करे कि गोपालकृष्णन का मोबाइल फोन ‘हैक’ किया गया जैसा कि अधिकारी ने दावा किया है।
O जांच रिपोर्ट में हैकिंग की दलील गलत निकली
फोरेंसिक जांच के लिए फोन जमा करने से पहले अधिकारी ने खुद ही मोबाइल फोन को बार-बार ‘फैक्टरी रीसेट’ किया था। इसमें कहा गया, ‘‘ सरकार का प्रथम दृष्टया यह मानना है कि गोपालकृष्णन के द्वारा बनाए गए उक्त ‘व्हाट्सऐप ग्रुप’ का मकसद राज्य में अखिल भारतीय सेवाओं के कैडर के बीच फूट डालना और उनकी एकजुटता को तोड़ना था।’’ वहीं विशेष सचिव (कृषि) एन.प्रशांत को निलंबित करने के एक अलग आदेश में सरकार ने अधिकारी पर वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आईएएस ए.जयतिलक के खिलाफ सोशल मीडिया पर ‘‘अपमानजनक बयान’’ देने का आरोप लगाया। जारी आदेश के अनुसार, ये टिप्पणियां गंभीर अनुशासनहीनता के बराबर हैं और ऐसी टिप्पणियां राज्य में प्रशासनिक प्रणाली की सार्वजनिक छवि को नुकसान पहुंचाती हैं।
O के. गोपालकृष्णन केंद्र में भी दे चुके सेवाएं
के.गोपालकृष्णन 2013 बैच के IAS अफसर हैं। IAS की परीक्षा पास करने से पहले उन्होंने बी.टेक की डिग्री हासिल की थी। इसके अलावा वे फाइनेंशियल मैनेजमेंट में भी पोस्ट ग्रेजुएशन कर चुके हैं। केरल में वे कई पदों पर रहे हैं। 2019 में तिरुवनंतपुरम के कलेक्टर बने थे। गोपालकृष्णन केंद्र सरकार में संचार और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग में सहायक सचिव भी रह चुके हैं।
O चीफ सेक्रेटरी की रिपोर्ट पर CM ने सस्पेंड किया
चीफ सेक्रेटरी द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर CM पिनाराई विजयन ने सस्पेंशन ऑर्डर साइन किए। जांच रिपोर्ट में के. गोपालकृष्णन को धर्म आधारित वॉट्सऐप ग्रुप बनाकर अधिकारियों को बांटने का दोषी पाया गया।
O वरिष्ठ अधिकारी की सार्वजनिक आलोचना पड़ी प्रशांत को भारी
इसके अलावा कृषि विभाग के स्पेशल सेक्रेटरी एन. प्रशांत को भी CM ने सस्पेंड किया है। प्रशांत के खिलाफ सोशल मीडिया पर अपने सीनियर IAS अधिकारी की आलोचना करने के चलते कार्रवाई की गई है।
एन. प्रशांत ने वित्त विभाग में एडिशनल चीफ सेक्रेटरी ए. जयतिलक के खिलाफ फेसबुक पर पोस्ट किया था। उन्होंने जयतिलक पर अपने खिलाफ मीडिया में बेबुनियाद खबरें फैलाने का आरोप लगाया था।
O आखिर क्यों कहलाते है ” कलेक्टर ब्रो” आईएएस प्रशांत, FB पर तीन लाख फॉलोवर
एन. प्रशांत 2007 बैच के IAS अधिकारी हैं। 2015 में वे कोझिकोड जिले के IAS बने। इस दौरान सोशल मीडिया के जरिए उन्होंने लोगों से जुड़ने की पहल शुरू की। यहीं से प्रशांत को कलेक्टर ब्रो नाम मिला।
एक बार अपने सोशल मीडिया के जरिए उन्होंने लोगों से 14 एकड़ झील को साफ करने के लिए साथ आने की अपील की थी। इस मुहिम में शामिल होने वालों को IAS अधिकारी ने बिरयानी खिलाने का वादा किया था, जिसे उन्होंने पूरा भी किया।
उनके फेसबुक पर 3 लाख से ज्यादा और इंस्टाग्राम पर 50 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। प्रशांत सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर ही अपने सीनियर को साइकोपैथ बताया था और कहा था कि वे मेरे खिलाफ बेबुनियाद खबरें फैला रहे हैं।