सजीब वाजिद ने अपनी मां शेख़ हसीना की जान बचाने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘दिल से आभार’ व्यक्त किया है.
उन्होंने कहा, ”मैं भारत सरकार की तुरंत कार्रवाई के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हृदय से आभारी हूं. इतनी तेज़ी से फ़ैसला लेने की वजह से ही मेरी मां की जान बच सकी.”
भारत करे अब नेतृत्व
”भारत को विश्व में अब नेतृत्वकारी भूमिका निभानी चाहिए. वो पड़ोस में किसी विदेशी ताकत को हावी न होने दे. बांग्लादेश भारत का पूर्वी पड़ोसी देश है. इसलिए भारत को सतर्क रहना होगा.”
उन्होंने कहा, ”इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि शेख़ हसीना की सरकार ने देश को आर्थिक तरक्की की बुलंदियों तक पहुंचाया. अतिवादियों को काबू किया और इस महादेश की पूर्वी सरहदों पर स्थिरता कायम की. हमने साबित करके दिखाया कि हम जो सोचते हैं वो कर सकते हैं. लेकिन देश की दूसरी सरकारें नाकाम रहीं.”
बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख़ हसीना के बेटे सजीब वाजिद ने अपनी मां की सरकार के पतन के लिए देश के एक छोटे समूह और आईएसआई की साज़िश को ज़िम्मेदार ठहराया है.
साथ ही इस बात का भी खंडन किया है कि पश्चिमी देशों ने शेख़ हसीना का वीज़ा रद्द कर दिया है या फिर उन्होंने किसी देश में राजनीतिक शरण की मांग की है.
सरकार के विरोध का कोई कारण नहीं
सजीब वाजिद ने समाचार एजेंसी एएनआई को दिए एक वीडियो इंटरव्यू में कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि देश के एक छोटे से समूह और एक विदेशी ख़ुफ़िया एजेंसी संभवत: आईएसआई ने ये स्थिति पैदा की है. क्योंकि सरकार के ख़िलाफ़ विरोध का कोई कारण नहीं था. सरकार ने आरक्षण को घटाकर काफ़ी कम कर दिया था.उन्होंने कहा कि आरक्षण कोटा बहाल करने का फ़ैसला हसीना सरकार का नहीं बल्कि का कोर्ट का था.
हिंसा के पीछे साजिश
उन्होंंने कहा, ”शुरू में प्रदर्शन शांतिपूर्ण थे. पहले दौर के प्रदर्शन के बाद सरकार ने आरक्षण घटा दिया था. सरकार ने हिंसा रोकने के लिए सबकुछ किया. सरकार ने हिंसा का आदेश नहीं दिया. हिंसा कुछ अनाम समूहों ने फैलाई. ये जानबूझ कर किया गया. मुझे पूरा विश्वास है कि हिंसा को पश्चिमी देशों की ओर से हवा दी गई.”