नागपुर। सूर्य की बारह संक्रांति के आधर पर हर वर्ष 12 महीने होते हैं। हर तीन 3 वर्ष के बाद पुरुषोत्तम माह आता है। वशिष्ठ सिद्धांत के अनुसार भारतीय हिंदू कैलेंडर सूर्य मास और चंद्र मास की गणना के अनुसार चलता है। अधिकमास चंद्र वर्ष का ही एक अतिरिक्त भाग है। यह हर 32 माह, 16 दिन और 8 घटी के अंतर पर आता है। पं. कमलेश भाई जटाशंकर दवे ने बताया, यह अधिकमास सूर्य वर्ष और चंद्र वर्ष के बीच के अंतर का संतुलन बनाए रखने के लिए आता है। भारतीय गणना पद्धति के अनुसार. प्रत्येक सूर्य वर्ष 365 दिन और करीब 6 घंटे का होता है। वहीं अगर चंद्र वर्ष की बात करें तो यह 354 दिनों का माना जाता है। इन दोनों वर्षों के बीच करीब 11 दिनों का अंतर होता है। यह अंतर हर तीन वर्ष में करीब 1 मास के बराबर हो ही जाता है। इसे पाटने के लिए हर तीन वर्ष में चंद्र मास अस्तित्व में आता है। इसके अतिरिक्त होने के कारण अधिकमास का नाम दिया गया है। पण्डित दवे ने बताया कि विभिन्न पंचांग के अध्ययन के अनुसार इस बार श्राद्ध पक्ष,अधिक मास व नवरात्र की तिथियां इस प्रकार है :
शुभ संवत 2076 भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष में पितृ पक्ष में श्राद्ध की तिथियों की जानकारी :
जन्मभूमि पंचांग के अनुसार
अनंत चतुर्दशी तिथि और पूर्णिमा का व्रत मंगलवार तारीख १-९-२०२० को करें।
(१) पूर्णिमा और अमावस्या तिथि का श्राद्ध तारीख:-१७-९-२०२० गुरुवार के दिन करें।
(२) प्रतिपदा तिथि का श्राद्ध तारीख:-२-९-२०२० बुधवार।
(३) द्वितीय तिथि का श्राद्ध तारीख:-३-९-२०२० गुरुवार
(४) तृतीया तिथि का श्राद्ध तारीख:-५-९-२०२० शनिवार को संकष्ट चतुर्थी व्रत चंद्रोदय २०:५६
(५) चतुर्थी तिथि का श्राद्ध तारीख:-६-९-२०२० रविवार
(६) पंचमी तिथि का श्राद्ध तारीख:-७-९-२०२० सोमवार
(७) षष्ठी तिथि का श्राद्ध तारीख:-८-९-२०२० मंगलवार
(८) सप्तमी तिथि का श्राद्ध तारीख:-९-९-२०२० बुधवार
(९) अष्टमी तिथि का श्राद्ध तारीख:-१०-९-२०२० गुरुवार
(१०) नवमी तिथि का श्राद्ध और सौभग्यवती का श्राद्ध की तारीख ११-९-२०२० शुक्रवार
(११) दशमी तिथि का श्राद्ध तारीख:-१२-९-२०२० शनिवार
(१२) एकादशी व्रत और श्राद्ध तारीख:-१३-९-२०२० रविवार
(१३) द्वादशी तिथि का श्राद्ध तारीख:-१४-९-२०२० सोमवार
(१४) त्रयोदशी तिथि का श्राद्ध तारीख १५-९-२०२० मंगलवार भौम प्रदोष व्रत।
(१५) चतुर्दशी तिथि का श्राद्ध तारीख:-१६-९-२०२० बुधवार विश्वकर्मा पूजन (बंगाल)
(१६) सर्व पितृ अमावस्या तिथि तारीख १७-९-२०२० गुरुवार।
शुभ संवत 2076 अधिक आश्विन मास (पुरषोत्तम मास) प्रारंभ की तारीख:18/9/2020 शुक्रवार से शुरू होगा।
अधिक आश्विन मास समाप्ति की तारीख:16/10/2020 शुक्रवार के दिन पुरषोत्तम मास की अमावस्या तिथि है।
शुभ संवत 2076 निज आश्विन मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को शनिवार तारीख:(1,)17/10/2020 के दिन शारदीय नवरात्रि का प्रारम्भ होगा। घटस्थापन का समय सबेरे 7:30/9:00 शुभ, और दोपहर 12:00/1:30चल,
1:30/3:00 लाभ,
3:00/4:30 अमृत, और शाम को
6:00/7:30लाभ,
रात्रि में 9:00/10:30शुभ,
10:30/12:00अमृत, उत्तम है।
(2)18/10/2020 रविवार द्वितीय चन्द्र दर्शन।
(3)19/10/2020 सोमवार तृतीय।
(4)20/10/2020 मंगलवार विनायक चतुर्थी, अंगारक योग, ललिता पंचमी,
(5)21/10/2020बुधवार पंचमी, सरस्वती आव्हान,
(6)22/10/2020गुरुवार षष्ठी तिथि सबेरे 07:42 मिनिट तक उपरान्त सप्तमी तिथि सरस्वती पूजा।
(7)23/10/2020 शुक्रवार सप्तमी तिथि सबेरे 06:59 मिनिट तक है उपरान्त अष्टमी तिथि को महा अष्टमी उपवास करने का।
(8)24/10/2020 शनिवार को अष्टमी तिथि सबेरे 07:00 बजे तक हैं उपरान्त महानवमी उपवास का दिन है।
(9)25/10/2020 रविवार को नवमी तिथि सबेरे 07:44 मिनिट तक हैं। नवरात्र उत्थापन, पारणा, उपरान्त दशेरा, विजया दशमी तिथि को विजय मुहूर्त का समय 14:18से15:04तक है। पंचक प्रारम्भ 15:28 मिनिट से, घट विसर्जन के समय में पंचक का दोष नहीं लगता। रविवार के कारण घट विसर्जन किया नहीं जाता है इस कारण
सोमवार को 26/10/2020 के दिन सबेरे 6:00/7:30 ,9:00/10:30 में विसर्जन करें।
30/10/2020 शुक्रवार को कोजागिरी पूर्णिमा और
31/10/2020 शनिवार को व्रत की पूर्णिमा है।
पंडित कमलेश जटाशंकर दवे
9823168731
8329312692